RBI New EMI Rules: यदि आप होम लोन या किसी अन्य प्रकार का लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो आपके लिए 1 अप्रैल 2025 से राहत की खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया है, जिससे आपकी EMI में कमी आएगी। CRISIL की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में ब्याज दरों में 50-75 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती संभव है।
ब्याज दर में कटौती से क्या होगा फायदा?
फरवरी 2025 में RBI ने रेपो रेट में 25 bps की कटौती की थी, जिससे यह 6.5% से घटकर 6.25% हो गया। अब CRISIL का अनुमान है कि अगले वित्तीय वर्ष में इसमें 50-75 bps की और कमी हो सकती है।
इससे मिलने वाले लाभ,
- लोन सस्ते हो जाएंगे, जिससे EMI कम होगी और आर्थिक बोझ घटेगा।
- सस्ती उधारी के चलते बाजार में कैश फ्लो बढ़ेगा और आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी।
- कंपनियां और उद्योग अधिक निवेश कर पाएंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर बनेंगे।
- महंगाई नियंत्रण में मदद मिलेगी, जिससे दैनिक उपयोग की चीजों के दाम काबू में रहेंगे।
EMI पर कितना असर होगा?
उदाहरण के लिए, यदि आप 20 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए ले रहे हैं और ब्याज दर में 0.75% की कमी होती है, तो आपकी EMI लगभग 1,500-2,000 रुपये तक घट सकती है।
इसका अर्थ है कि 20 साल की अवधि में आप कुल 3-4 लाख रुपये तक की बचत कर सकते हैं। ब्याज दरों में और कमी होने पर यह बचत और भी अधिक हो सकती है।
महंगाई नियंत्रण का प्रयास
RBI का यह कदम केवल लोन सस्ता करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य महंगाई को 4% के दायरे में नियंत्रित रखना भी है। अप्रैल 2023 से रेपो रेट 6.5% पर स्थिर था ताकि महंगाई को नियंत्रण में रखा जा सके। अब सरकार और RBI मिलकर ब्याज दरों को और कम करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले।
आर्थिक विकास और GDP को सपोर्ट
ब्याज दरों में कमी से EMI घटने के अलावा,
- लोग अधिक खर्च करेंगे, जिससे बाजार में पैसा तेजी से घूमेगा।
- सरकार ने FY26 के लिए पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) में 10.1% की वृद्धि का प्रस्ताव रखा है, जिससे बुनियादी ढांचे और सरकारी योजनाओं में निवेश बढ़ेगा।
- वित्तीय घाटे को FY25 के 4.8% से घटाकर FY26 में 4.4% तक लाने का लक्ष्य है, जिससे अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनी रहेगी।
ग्लोबल मार्केट और भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
हालांकि, ब्याज दरों में कमी से घरेलू बाजार में धन का प्रवाह बढ़ेगा, लेकिन वैश्विक अस्थिरता के कारण भारत के निर्यात और विदेशी निवेश पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके बावजूद, घरेलू मांग और सरकारी नीतियां अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सहायक बनेंगी।
महंगाई दर में और गिरावट की उम्मीद
CRISIL के अनुसार, 2025-26 में महंगाई दर में और कमी आ सकती है।
- रबी फसलों की बुवाई में 1.5% की वृद्धि हुई है, जिससे खाद्य आपूर्ति में सुधार होगा।
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना है, जिससे FY26 में तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल रह सकती हैं।
क्या आपको नया लोन लेना चाहिए?
यदि आप होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है।
- यदि आपके पास पहले से लोन है, तो अपने बैंक से रीफाइनेंसिंग का विकल्प जांचें।
- यदि आप नया लोन लेना चाहते हैं, तो ब्याज दरों में संभावित गिरावट को ध्यान में रखते हुए उचित समय पर आवेदन करें।
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए वित्तीय वर्ष में ब्याज दरों में और कमी की संभावना है। इससे लोनधारकों को EMI में बड़ी राहत मिलेगी, जिससे उनकी बचत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।