New Rule: हर साल की तरह, 1 अप्रैल 2025 से भी देश में कई बड़े बदलाव लागू होने जा रहे हैं। यह बदलाव आपकी जेब से लेकर आपकी रोजमर्रा की जरूरतों पर असर डाल सकते हैं। चाहे LPG सिलेंडर की कीमतें हों, क्रेडिट कार्ड के नियम, बैंकिंग सेवाओं में बदलाव या नए टैक्स कानून – हर बदलाव आपके बजट पर प्रभाव डालेगा।
तो चलिए इस आर्टिकल में हम जानते हैं इन 5 बड़े बदलावों के बारे में विस्तार से।
1. LPG सिलेंडर की कीमतों में बदलाव
हर महीने की शुरुआत में गैस और ईंधन की कीमतों की समीक्षा की जाती है, और इसी के तहत 1 अप्रैल 2025 को भी LPG, CNG और PNG के दामों में बदलाव हो सकता है।अगर सरकार आम लोगों को राहत देने का फैसला करती है, तो घरेलू LPG सिलेंडर (14 किलो) सस्ता हो सकता है। वहीं, कमर्शियल सिलेंडर (19 किलो) के दाम बढ़ने की संभावना है, जिससे होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा।इसके अलावा, CNG और PNG गैस के रेट में भी संशोधन हो सकता है, जिससे वाहन चालकों का खर्च या तो घटेगा या बढ़ेगा। इसी तरह, अगर एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमत बढ़ी, तो हवाई सफर महंगा हो सकता है।
कुल मिलाकर, इन बदलावों का असर घरेलू बजट, ट्रांसपोर्ट और बिजनेस सेक्टर पर साफ दिखाई देगा।
2. क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव
अगर आप SBI, IDFC First Bank या किसी अन्य बैंक का क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं, तो नए बदलावों की जानकारी रखना जरूरी है।अब SBI SimplyCLICK क्रेडिट कार्ड पर Swiggy के रिवॉर्ड प्वाइंट्स को 5 गुना से घटाकर आधा कर दिया जाएगा, जिससे ग्राहकों को पहले जितना फायदा नहीं मिलेगा। इसी तरह, Air India सिग्नेचर क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड प्वाइंट्स 30 से घटाकर 10 कर दिए जाएंगे।वहीं, IDFC First Bank ने अपने विस्तारा माइलस्टोन बेनिफिट्स को पूरी तरह बंद करने का फैसला लिया है।
इन बदलावों का मतलब है कि अब क्रेडिट कार्ड धारकों को कम रिवॉर्ड प्वाइंट्स मिलेंगे, जिससे उनकी कुल बचत पर असर पड़ेगा। इसलिए, अगर आप अपने कार्ड से ज्यादा फायदे की उम्मीद रखते हैं, तो इन बदलावों को ध्यान में रखकर आगे की प्लानिंग करें।
3. बैंक खाते से जुड़े नियमों में बदलाव
अगर आपका SBI, PNB या किसी अन्य बड़े बैंक में सेविंग अकाउंट है, तो मिनिमम बैलेंस के नियमों में बदलाव आपके लिए जरूरी हो सकता है।अब बैंक सेक्टर-वाइज मिनिमम बैलेंस लिमिट तय करेंगे, यानी आपके खाते में न्यूनतम राशि बनाए रखने की शर्तें आपके क्षेत्र (ग्रामीण या शहरी) के आधार पर अलग हो सकती हैं। अगर खाते में जरूरी न्यूनतम बैलेंस नहीं है, तो आपको ज्यादा पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है।
ग्रामीण और शहरी ग्राहकों पर अलग-अलग असर पड़ सकता है, क्योंकि हर बैंक अपने नियमों के अनुसार मिनिमम बैलेंस तय करेगा। अगर आप बैंक में पर्याप्त बैलेंस नहीं रखते, तो अप्रैल से आपको ज्यादा चार्ज देना पड़ सकता है। इसलिए, इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए अपने खाते का बैलेंस मेनटेन करें, ताकि आपको अतिरिक्त शुल्क से बचने में मदद मिले।
4. UPI से जुड़े बदलाव
अगर आप लंबे समय से UPI अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो अब सतर्क हो जाएं, क्योंकि आपका अकाउंट बंद किया जा सकता है।
1 अप्रैल 2025 से, वे UPI अकाउंट जो काफी समय से निष्क्रिय हैं, उन्हें बैंकिंग सिस्टम से हटा दिया जाएगा। अगर आपका मोबाइल नंबर UPI से लिंक है, लेकिन आपने कई महीनों से कोई लेनदेन नहीं किया, तो यह सेवा बंद हो सकती है।इस बदलाव का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को और अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाना है। अगर आप UPI सेवाएं जारी रखना चाहते हैं, तो समय-समय पर ट्रांजेक्शन करते रहें, ताकि आपका अकाउंट एक्टिव बना रहे और आपको किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
5. नए टैक्स नियम लागू होंगे
1 अप्रैल 2025 से नए टैक्स नियम लागू होने वाले हैं, जो आम लोगों को बड़ी राहत दे सकते हैं। अब 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जिससे मिडिल क्लास को सीधा फायदा मिलेगा। वहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है, जिससे 12.75 लाख तक की इनकम टैक्स-फ्री हो सकती है।
इसके अलावा, सीनियर सिटिजन्स के लिए ब्याज आय पर TDS की सीमा अब 1 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे उन्हें ज्यादा बचत का मौका मिलेगा। किराये से कमाई करने वालों के लिए भी अच्छी खबर है, क्योंकि अब 6 लाख रुपये तक की रेंटल इनकम पर कोई TDS नहीं कटेगा। सरकार ने पुराने टैक्स नियमों को आसान बनाने के लिए नया टैक्स बिल भी पेश किया है, जिससे आम करदाता को फाइलिंग में आसानी होगी।
कुल मिलाकर, ये बदलाव मिडिल क्लास और बुजुर्गों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं, क्योंकि इससे टैक्स का बोझ कम होगा और बचत के मौके बढ़ेंगे।
निष्कर्ष
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये 5 बड़े बदलाव हर किसी की जेब और जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। LPG सिलेंडर की कीमतें, बैंकिंग नियमों में बदलाव, UPI अकाउंट्स का डी-एक्टिवेशन और टैक्स में नई छूट – यह सब आपके बजट पर सीधा असर डाल सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप इन परिवर्तनों के बारे में पहले से जानकारी रखें और अपने वित्तीय निर्णय समझदारी से लें।
अगर आप इन बदलावों से प्रभावित हो सकते हैं, तो अभी से अपनी बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड और टैक्स प्लानिंग को व्यवस्थित कर लें, ताकि कोई अनावश्यक वित्तीय परेशानी न हो।