Home loan EMI Rules : घर खरीदने के लिए होम लोन लेना तो आसान होता है, लेकिन उसकी ईएमआई भरना कभी-कभी भारी पड़ सकता है। कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है कि इंसान चाहकर भी अपनी किस्त नहीं भर पाता। अगर आपकी भी किसी वजह से होम लोन की ईएमआई बाउंस हो गई है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। सही कदम उठाने से आप न सिर्फ बैंक की कार्रवाई से बच सकते हैं, बल्कि अपने सिबिल स्कोर को भी खराब होने से रोक सकते हैं। आइए जानते हैं कि अगर आपकी होम लोन की किस्त समय पर नहीं भरी जा रही है तो आपको क्या करना चाहिए।
1. पहली बार EMI बाउंस हुई तो क्या करें
अगर पहली बार आपकी होम लोन की ईएमआई बाउंस हो गई है, तो सबसे पहले घबराने के बजाय बैंक से संपर्क करें। जिस बैंक से आपने लोन लिया है, वहां के मैनेजर से मिलकर अपनी स्थिति के बारे में बताएं। हो सकता है कि बैंक आपकी परेशानी समझे और आपको कोई राहत दे दे।
अगर आप बैंक को सही स्थिति समझा देंगे, तो शायद वो आपकी पेनल्टी चार्ज को कम कर दे या आपको कोई और हल दे दे। ध्यान रहे कि बैंक दो महीने तक आपकी डिफॉल्ट ईएमआई को अपने रिकॉर्ड में ही रखता है, उसके बाद इसे सिबिल एजेंसी को भेजता है। इसलिए अगर आपने तुरंत कदम उठा लिया तो आपके क्रेडिट स्कोर पर असर नहीं पड़ेगा।
2. दूसरी बार ईएमआई न भर पाने पर क्या करें
अगर लगातार दूसरी बार भी आप अपनी ईएमआई नहीं भर पा रहे हैं, तो स्थिति गंभीर हो सकती है। इस बार आपको पहले से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। एक बार फिर बैंक मैनेजर से मिलें और उन्हें रिक्वेस्ट करें कि वो आपकी रिपोर्ट सिबिल एजेंसी को न भेजें।
अगर आपकी ईएमआई तीन बार बाउंस हो जाती है, तो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर इसका सीधा असर पड़ेगा और सिबिल स्कोर गिर सकता है। बैंक मैनेजर के पास भी ज्यादा ऑप्शन नहीं बचेंगे, क्योंकि तीन महीने तक ईएमआई न भरने पर बैंक को मजबूरी में आपकी रिपोर्ट भेजनी पड़ती है। इसका असर यह होगा कि भविष्य में आपको कोई भी लोन लेना मुश्किल हो जाएगा।
3. बार-बार EMI बाउंस हो रही है तो क्या करें
अगर बार-बार आपकी ईएमआई बाउंस हो रही है, तो आपको कुछ बड़े फैसले लेने होंगे। ऐसी स्थिति में आप बैंक से अनुरोध कर सकते हैं कि कुछ समय के लिए आपकी ईएमआई को होल्ड (रोक) कर दिया जाए।
इसके लिए आपको एक एप्लिकेशन देनी होगी, जिसमें आप बैंक को अपनी मौजूदा परेशानी के बारे में बताएंगे। अगर बैंक आपकी स्थिति को समझता है, तो वो आपको कुछ समय की राहत दे सकता है। हालांकि, इस फैसले का आपके सिबिल स्कोर पर असर जरूर पड़ेगा, लेकिन आप कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं।
4. सैलरी देरी से आने की वजह से EMI बाउंस हो रही है
अगर आपकी ईएमआई हर बार इसलिए बाउंस हो रही है क्योंकि आपकी सैलरी लोन की किस्त की डेट के बाद आती है, तो इसका भी हल है।
आप बैंक से बात करके एरियर EMI का ऑप्शन चुन सकते हैं। आमतौर पर बैंक दो तरह की ईएमआई ऑप्शन देते हैं—
- एडवांस EMI: इसमें आपको लोन लेते समय ही पहली किस्त भरनी पड़ती है और हर महीने की शुरुआत में EMI कटती है
- एरियर EMI: इसमें आपकी किस्त महीने के अंत में कटती है, जिससे आपको सैलरी मिलने के बाद किस्त भरने का समय मिल जाता है।
अगर आपकी सैलरी महीने के आखिर में आती है, तो आप बैंक से रिक्वेस्ट करके एरियर EMI का ऑप्शन ले सकते हैं। इससे आपकी EMI सही समय पर कटेगी और आपको किसी तरह की पेनल्टी नहीं भरनी पड़ेगी।
EMI समय पर न चुकाने के नुकसान
अगर आप बार-बार अपनी ईएमआई नहीं भर पा रहे हैं, तो आपको ये नुकसान हो सकते हैं—
- सिबिल स्कोर गिर जाएगा, जिससे आगे लोन लेना मुश्किल होगा
- बैंक की तरफ से कानूनी नोटिस मिल सकता है
- ज्यादा दिनों तक EMI न चुकाने पर बैंक आपकी प्रॉपर्टी सीज कर सकता है
- लगातार EMI न भरने पर आपको डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है।
EMI बाउंस से बचने के लिए जरूरी टिप्स
- हमेशा अपने बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस रखें, ताकि ईएमआई बाउंस न हो
- अगर आर्थिक स्थिति खराब हो गई है, तो बैंक से बात करके लोन री-स्ट्रक्चरिंग का ऑप्शन चुन सकते हैं
- जरूरत पड़े तो EMI कम करने के लिए लोन टेन्योर बढ़ाने का अनुरोध करें
- सैलरी के हिसाब से सही EMI डेट सेट करवाएं।
अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो न सिर्फ अपने होम लोन की EMI समय पर भर पाएंगे, बल्कि अपने क्रेडिट स्कोर को भी अच्छा बनाए रख सकेंगे।