EPFO Update : EPFO पेंशन को लेकर एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। आज EPFO की अहम बैठक होने वाली है, और इसी बीच खबर आ रही है कि इस बैठक में डिपॉजिट इंटरेस्ट रेट में कटौती पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों को झटका लग सकता है।
क्या बढ़ेगी EPFO की मिनिमम पेंशन
निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। फिलहाल EPFO की मिनिमम पेंशन सिर्फ 1000 रुपये प्रति माह है, जो महंगाई के इस दौर में काफी कम मानी जा रही है। सितंबर 2014 में केंद्र सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये तय की थी, लेकिन उसके बाद इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया।
EPFO में कर्मचारी अपने बेसिक सैलरी का 12% पीएफ में जमा करते हैं, और नियोक्ता भी उतनी ही राशि का योगदान करता है। नियोक्ता द्वारा जमा किए गए इस अंशदान में से 8.33% EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) में जाता है और बाकी 3.67% कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा होता है।
पेंशनर्स की बढ़ती मांगें
EPFO से जुड़े पेंशनर्स की कई मांगें लंबित हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करना। EPS-95 आंदोलन समिति ने सरकार से कई बार अनुरोध किया है कि EPS के तहत दी जाने वाली पेंशन को बढ़ाया जाए। इस मुद्दे को लेकर कई बार प्रदर्शन भी हुए हैं।
पेंशनभोगियों की राष्ट्रीय समिति ने बताया कि केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने EPS-95 के तहत पेंशनर्स की मांगों पर जल्द ही कोई ठोस कदम उठाने का भरोसा दिया है। सरकार ने EPFO के अंतर्गत आने वाले 78 लाख से अधिक पेंशनर्स की लंबित मांगों को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया है।
EPFO पेंशन को लेकर सरकार का रुख
सरकार ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि EPFO पेंशन से जुड़े मुद्दों पर विचार किया जा रहा है। EPS-95 आंदोलन समिति की मांगों में केवल मिनिमम पेंशन बढ़ाने की ही बात नहीं है, बल्कि उन्होंने सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके जीवनसाथियों के लिए मुफ्त मेडिकल सुविधा देने की भी मांग की है। इसके अलावा, हाई पेंशन के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुधारने की भी मांग की गई है।
पिछले कुछ वर्षों में EPFO के अंतर्गत पेंशन बढ़ाने को लेकर कई बार चर्चाएं हुई हैं, लेकिन अभी तक किसी ठोस फैसले की घोषणा नहीं हुई है। पेंशनर्स का कहना है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए 1000 रुपये प्रति माह की पेंशन नाकाफी है और इसे जल्द से जल्द बढ़ाकर 7,500 रुपये किया जाना चाहिए।
बजट 2025 से पहले पेंशन बढ़ने की उम्मीद
बजट 2025 से पहले EPS-95 सेवानिवृत्त कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला। उन्होंने वित्त मंत्री से मांग की कि न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपये प्रति माह किया जाए और इसके साथ ही महंगाई भत्ता (DA) भी जोड़ा जाए, ताकि पेंशनर्स को राहत मिल सके।
EPS-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति के मुताबिक, वित्त मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। हालांकि, पेंशनर्स पिछले 7-8 सालों से लगातार मिनिमम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।
EPFO की बैठक से क्या उम्मीदें
आज होने वाली EPFO की बैठक में पेंशनर्स की मांगों पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। हालांकि, इस बैठक में डिपॉजिट इंटरेस्ट रेट में कटौती को लेकर भी चर्चा हो सकती है, जिससे EPFO में निवेश करने वाले कर्मचारियों को झटका लग सकता है।
अगर सरकार पेंशन बढ़ाने का फैसला करती है तो यह लाखों पेंशनर्स के लिए राहत की खबर होगी। लेकिन अगर कोई ठोस फैसला नहीं लिया जाता है, तो पेंशनर्स का आंदोलन और तेज हो सकता है। अब सबकी नजरें इस बैठक के नतीजे पर टिकी हैं। देखना होगा कि सरकार पेंशनर्स की उम्मीदों पर खरी उतरती है या नहीं।