आजकल अगर आपको एटीएम से पैसे निकालने की आदत है, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम ट्रांजेक्शन पर लगने वाले चार्ज को बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। यानी अब आपको एटीएम से कैश निकालना पहले से ज्यादा महंगा पड़ सकता है।
आरबीआई की नई गाइडलाइन के मुताबिक, 1 मई से अगर आप अपनी मुफ्त लेनदेन सीमा पार करते हैं, तो आपको हर ट्रांजेक्शन पर 2 रुपये ज्यादा देने होंगे। पहले जहां 21 रुपये लगते थे, अब वही चार्ज 23 रुपये हो जाएगा। इतना ही नहीं, बैलेंस चेक करने पर भी आपको अब 7 रुपये चुकाने पड़ेंगे, जो पहले 6 रुपये थे।
तो चलिए दोस्तों, इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि एटीएम ट्रांजेक्शन पर कितना चार्ज लगेगा, कितनी बार फ्री में पैसे निकाल सकते हैं और यह बदलाव क्यों किया गया है। तो इसके लिए पूरा आर्टिकल ध्यान से पढ़िएगा।
RBI के नए नियम: अब एटीएम से पैसे निकालने पर ज्यादा देना होगा चार्ज
अगर आप हर महीने बार-बार एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो अब आपको अपनी आदतों में थोड़ा बदलाव करना पड़ सकता है। RBI ने स्पष्ट किया है कि बैंक अपने ग्राहकों को सिर्फ एक निश्चित संख्या तक ही मुफ्त ट्रांजेक्शन की सुविधा देंगे।
मेट्रो शहरों में ग्राहक हर महीने 5 बार और नॉन-मेट्रो शहरों में 3 बार फ्री में पैसे निकाल सकते हैं। अगर इस लिमिट से ज्यादा बार एटीएम इस्तेमाल किया तो हर ट्रांजेक्शन पर 23 रुपये का चार्ज लगेगा। यानी अगर आपको ज्यादा बार पैसे निकालने की जरूरत पड़ती है, तो डिजिटल पेमेंट की तरफ रुख करना बेहतर रहेगा।
बैलेंस चेक करने पर भी लगेगा चार्ज
अगर आप सिर्फ अपना अकाउंट बैलेंस चेक करना चाहते हैं, तो भी अब आपको जेब ढीली करनी होगी। पहले बैलेंस चेक करने के लिए 6 रुपये देने पड़ते थे, लेकिन अब 7 रुपये देने होंगे। यानी हर छोटी-बड़ी ट्रांजेक्शन पर अब आपको ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा।
एटीएम इंटरचेंज शुल्क क्या होता है?
कई लोग नहीं जानते कि एटीएम इंटरचेंज शुल्क क्या होता है। दरअसल, जब आप किसी दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो उस बैंक को आपके होम बैंक से एक शुल्क मिलता है। इसे ही इंटरचेंज फीस कहते हैं। पहले यह 17 रुपये थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 19 रुपये कर दिया गया है। इससे छोटे बैंकों के ग्राहकों पर ज्यादा असर पड़ सकता है।
RBI ने यह फैसला क्यों लिया?
RBI ने कहा है कि यह फैसला एटीएम ऑपरेटरों के अनुरोध पर लिया गया है। उनके मुताबिक, बढ़ती ऑपरेशनल लागत की वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा था। यही वजह है कि RBI ने ट्रांजेक्शन फीस में बढ़ोतरी की है।
इस बदलाव का असर उन ग्राहकों पर ज्यादा पड़ेगा, जो महीने में कई बार एटीएम का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपको बार-बार चार्ज न देना पड़े, तो UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट जैसी डिजिटल सेवाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
डिजिटल पेमेंट का बढ़ता क्रेज
पिछले कुछ सालों में डिजिटल पेमेंट का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। UPI, मोबाइल वॉलेट और ऑनलाइन ट्रांसफर जैसी सुविधाओं के कारण लोग अब कैश लेनदेन से बच रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014 में भारत में कुल 952 लाख करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान हुआ था। वहीं, 2023 तक यह आंकड़ा बढ़कर 3,658 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह दर्शाता है कि लोग अब धीरे-धीरे कैशलेस ट्रांजेक्शन की ओर बढ़ रहे हैं।
निष्कर्ष
अगर आप एटीएम का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं, तो आपको अब थोड़ी समझदारी दिखाने की जरूरत है। नए नियमों के तहत, हर फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट पार करने पर आपको ज्यादा चार्ज देना होगा। बैलेंस चेक करने पर भी आपको पैसा खर्च करना पड़ेगा। ऐसे में बेहतर होगा कि आप UPI और डिजिटल पेमेंट का ज्यादा इस्तेमाल करें, ताकि आपका पैसा भी बचे और समय भी।
FAQ – RBI ATM Transaction Hike
एटीएम से पैसे निकालने पर अब कितना चार्ज लगेगा?
अगर आप मुफ्त लेनदेन सीमा पार करते हैं, तो आपको हर ट्रांजेक्शन पर 23 रुपये देने होंगे।
बैलेंस चेक करने पर कितना चार्ज लगेगा?
अब हर बैलेंस चेक करने पर आपको 7 रुपये का शुल्क देना होगा।
मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में मुफ्त ट्रांजेक्शन की लिमिट क्या है?
मेट्रो शहरों में 5 और नॉन-मेट्रो शहरों में 3 मुफ्त ट्रांजेक्शन मिलते हैं।
इंटरचेंज शुल्क क्या होता है और यह कितना बढ़ा है?
इंटरचेंज शुल्क वह फीस होती है, जो एक बैंक दूसरे बैंक को एटीएम सेवा देने के बदले में देता है। यह अब 17 रुपये से बढ़कर 19 रुपये हो गया है।
क्या डिजिटल पेमेंट से एटीएम चार्ज बच सकता है?
हां, अगर आप ज्यादा UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करेंगे, तो आपको एटीएम चार्ज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।