EPFO Interest Rate : इस साल सरकार ने कर्मचारियों के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं, जिनमें वेतन आयोग की घोषणा से लेकर टैक्स छूट तक शामिल था। लेकिन इस बार पीएफ खाताधारकों को तगड़ा झटका लगा है। EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने 2024-25 के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
सात करोड़ कर्मचारियों को बड़ा झटका
देशभर में सात करोड़ से ज्यादा कर्मचारी EPF खाताधारक हैं, और सभी को उम्मीद थी कि इस बार पीएफ पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी। लेकिन सरकार ने ब्याज दरों को 8.25% पर ही बरकरार रखा है। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि इस बार ब्याज दरें 8.50% तक बढ़ाई जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे नौकरीपेशा लोगों को थोड़ी निराशा जरूर हुई है, क्योंकि महंगाई के दौर में उनके निवेश पर अधिक रिटर्न की उम्मीद थी।
EPFO ब्याज दरें बरकरार
EPFO ने 2024-25 के लिए ब्याज दर को 8.25% पर बनाए रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष के बराबर ही है। इसका मतलब यह है कि कर्मचारियों को उनके पीएफ अकाउंट पर कोई अतिरिक्त फायदा नहीं मिलेगा। हालांकि, यह दर पिछले तीन वर्षों में सबसे ज्यादा है, लेकिन फिर भी कर्मचारियों को उम्मीद थी कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी।
ब्याज दरें क्यों नहीं बढ़ीं
अब सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार ने ब्याज दरें क्यों नहीं बढ़ाईं? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- आर्थिक स्थिति: सरकार इस समय कई आर्थिक मोर्चों पर संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए कई फैसले लिए जा रहे हैं
- महंगाई दर: महंगाई दर में उतार-चढ़ाव को देखते हुए सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें ज्यादा नहीं बढ़ा रही है
- EPFO का फंड मैनेजमेंट: EPFO अपने निवेश पोर्टफोलियो के आधार पर ब्याज दरें तय करता है। अगर संगठन को कम रिटर्न मिलता है, तो वह ज्यादा ब्याज नहीं दे सकता
छोटी बचत योजनाओं पर भी कटौती का अंदेशा
पीएफ पर ब्याज दर न बढ़ने के अलावा, छोटी बचत योजनाओं पर भी कटौती का डर बना हुआ है। सरकार अक्सर छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को तिमाही आधार पर तय करती है। ऐसे में अगर इन योजनाओं की ब्याज दरों में भी कटौती होती है, तो यह कर्मचारियों और छोटे निवेशकों के लिए एक और झटका होगा।
पिछले कुछ सालों में ब्याज दरें
अगर पिछले कुछ वर्षों की ब्याज दरों पर नजर डालें, तो:
- वित्त वर्ष 2023 में EPF ब्याज दर 8.15% थी
- वित्त वर्ष 2022 में यह 8.10% थी
- सबसे कम ब्याज दर 1977-78 में 8% रही थी
- 2021-22 में भी यह 8.10% थी
इसका मतलब है कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में 8.25% दर बेहतर है, लेकिन फिर भी उम्मीदों के मुताबिक इसमें इजाफा नहीं हुआ है।
कर्मचारियों को क्या करना चाहिए
अगर आप EPF खाताधारक हैं और अपने निवेश पर अधिक रिटर्न चाहते हैं, तो आपको कुछ और विकल्पों पर भी ध्यान देना चाहिए:
- PPF (सार्वजनिक भविष्य निधि): यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है और इसमें भी अच्छी ब्याज दर मिलती है
- म्यूचुअल फंड: अगर आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं, तो SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं
- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): अगर आप सुरक्षित निवेश चाहते हैं, तो कुछ बैंकों में एफडी पर EPF से ज्यादा ब्याज मिल सकता है
- नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): यह रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एक अच्छा विकल्प है और इसमें टैक्स लाभ भी मिलता है
सरकार ने दूसरी राहतें दीं
हालांकि, सरकार ने फरवरी में कर्मचारियों को कुछ राहत भी दी है।
- इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई गई है, जिससे नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में राहत मिलेगी
- आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट में कटौती की है, जिससे लोन सस्ता हो सकता है
- 8वें वेतन आयोग की घोषणा से भी सरकारी कर्मचारियों को राहत मिली है
लेकिन इन राहतों के बावजूद EPF पर ब्याज दर न बढ़ने से कई कर्मचारियों को निराशा हुई है।
EPFO के इस फैसले से कर्मचारियों को थोड़ा झटका जरूर लगा है, लेकिन भविष्य में ब्याज दरों में इजाफे की उम्मीद बनी रहेगी। अगर महंगाई दर बढ़ती है, तो सरकार को ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है।
फिलहाल, पीएफ खाताधारकों को इसी दर के साथ संतोष करना होगा। अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो आपको दूसरी निवेश योजनाओं पर भी ध्यान देना होगा।